सोने गया तो चंदा मामा से विनती की कि आज ज़रूर आना |
सुबह हो गयी पर चंदा मामा आज भी नही आये रोज कि तरह |
इतनी तमन्ना थी कमसेकम एक बार चंदा मामा से तो मिलु |
पर यह क्या आज तो जैसे खुशियों कि बरसात हो गयी |
क्योंकि आज मै चंदा मामा के पास था खेल रहा था झूम रहा था |
ऐसा चॉकलेट जो मामा न दिया था उसे चूम रहा था |
तभी यह क्या जोर कि तूफ़ान आई और मेरी सारी खुशियाँ लील गयी |
कोई शैतान मुंह बाए खड़ा था मुझे खा जाने को |
बस थोड़ी ही देर में मै बनाने वाला था उसका निवाला |
तभी पापा आ गये और मुझे जोर से अपनी बाहों में जकड लिया |
फिर उस शैतान से पापा दूर भागने लगे शैतान पीछे और पापा आगे भागते रहे |
और पापा उस शैतान से मुझे दूर भगा ही ले जाते पर ये क्या बीच में कोई राह रोके खड़ा था |
पापा गिडगिडाए हाथ जोड़े पर वह नही पसीजा |
पापा मेरी और उसके बेटे कि दुहाई देते रहे |
मै समझ गया अब शैतान मुझे खा जाएगा |
तो मैंने पापा से पूछा ये हमें क्यों रोक रहे है |
पापा बोले हमारे पहरेदार आ रहे है |
उसी कि सुरक्षा में ये हमारे सुरक्षा गार्ड हमें रोक रहे है |
अब शैतान मुझे खाने ही वाला था तो पापा से मैंने एक सवाल पूछा |
पापा कैसे पहरेदार हमारे जो खुद रहते है पहरे में |
लाव लश्कर से जब ये निकले जान हमारी हो खतरे में |
पापा मै दुबारा आपके पास तबतक नही आऊंगा |
जबतक ऐसे पहरेदार रहेगे बदल दो पापा ऐसे पहरेदार को |
जो मौत से डरता है और मौत आएगी ही यही सत्य है |
फिर ओ शैतान मुझे पापा और चंदा मामा से दूर लेकर चला गया -
बहुत दूर |
आपका शुभचिंतक
अजय बनारसी .